दुर्ग @सुबोध तिवारी,,
जिले में लगातार बढ़ रहे सायबर फ्रॉड के मामलों को दुर्ग पुलिस काफी गंभीरता से ले रही है बावजूद इसके मामले कम नहीं हो रहे। जालसाजों के द्वारा कभी शेयर ट्रेडिंग को लेकर लिंक भेज कर लाखों करोड़ों की ठगी कर ली जाती है तो कभी अधिक मुनाफा देने वाली कंपनी के प्रोडक्ट पर पैसा लगाने से डबल मुनाफा होने की बात कह कर जरूरी जानकारियों के माध्यम से पीड़ित का बैंक खाता खाली कर दिया जाता है,, ऐसे मामलों पर विराम लगाने आईजी रेंज दुर्ग रामगोपाल गर्ग ने कार्यालय सभागार में एसीसीयू दुर्ग के अधिकारियों और कर्मचारियों की बैठक ली। जिसमें पुलिस अधीक्षक दुर्ग जितेन्द्र शुक्ला और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसीसीयू सुश्री रिचा मिश्रा ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपराधों पर की गई कार्यवाही के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
सायबर फ्रॉड को गंभीरता से ले एसीसीयू टीम,,
पुलिस महानिरीक्षक ने सायबर फ्रॉड के मामलों में गम्भीरता के साथ मॉनिटरिंग और सुपरविजन करने के निर्देश दिए हैं । बैठक में जिले के अनसुलझे प्रकरणों को गहन अध्ययन कर निराकरण करने के निर्देश भी दिए गए। पुलिस महानिरीक्षक ने अधिकारियों से इन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने के लिए हर संभव प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने सायबर संबंधी प्रशिक्षण के लिए विशेष रूप से JCCT (ज्वाइंट सायबर क्राइम ट्रेनिंग) आयोजित करने पर जोर दिया।
बढ़ाई जाए पेट्रोलिंग,,
चेन स्नेचिंग के मामलों पर इसके रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाने और सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चेन स्नेचिंग की घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए आवश्यक है कि पुलिस नियमित पेट्रोलिंग बढ़ाए और संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखे।
संपत्ति सबंधी अपराधों पर भी ख़ास फोकस,,
इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक ने कहा, “हमारा उद्देश्य संपत्ति संबंधी अपराधों पर सख्ती से नियंत्रण रखना और सायबर फ्रॉड के मामलों को गंभीरता से लेना है। इसके लिए सभी अधिकारियों को एकजुट होकर काम करना होगा।”संपत्ति संबंधी अपराधों पर फोकस कर क्राइम प्रिवेंशन के निर्देश दिए। बैठक में डीएसपी शिल्पा साहू, एसीसीयू प्रभारी तापेश्वर नेताम सहित एसीसीयू (एंटी क्राइम एंड क्रिमिनल यूनिट) के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।