कोरबा :-
खदान प्रभावित गांव के बेरोजगारों को प्रशिक्षण देने व आउटसोर्सिंग से नियोजित कंपनी में काम देने की मांग को लेकर भू-विस्थापितों ने गेवरा खदान में कामबंद करा दिया। लगभग तीन घंटे चले आंदोलन के बाद पुलिस की उपस्थिति में हुई वार्ता में एसईसीएल ने 16 जुलाई से प्रशिक्षण देने, अनुभवी कामगार को आउटसोर्सिंग से नियोजित कंपनी में काम देने का आश्वासन दिया। इसके बाद आंदोलन खत्म किया गया।
एसईसीएल प्रबंधन व भू-विस्थापितों के मध्य गतिरोध समाप्त नहीं हो पा रहा है। नई- नई मांग को लेकर भू-विस्थापित आंदोलन कर खदान में कार्य बाधित कर रहे हैं। बुधवार को छत्तीसगढ़ किसान सभा की अगुवाई में नरईबोध, गंगानगर गांव के बेरोजगारों ने खदान के अंदर कार्य कर रही आऊट सोर्सिंग कंपनियों में शत- प्रतिशत रोजगार देने व प्रशिक्षण शिविर लगा प्रशिक्षण देने की मांग को लेकर तीन घंटे तक गेवरा खदानमें मिट्टी निकासी व कोयला उत्पादन बंद कर दिया। प्रदर्शनकरियों को खदान के अंदर घुसने से रोकने के लिए काफी संख्या में सीआइएसएफ बल लगाया गया था, पर लेकिन प्रदर्शन कर रहे बेरोजगार खदान के अंदर घुस कर काम बंद कराने में सफल हो गए। जानकारी मिलते ही दर्री सीएसपी लितेश सिंह, दीपका व कुसमुंडा थाना प्रभारी के साथ पुलिस बल लेकर मौके पर पहुंची।
इसके साथ ही एसईसीएल के अधिकारी अमिताभ तिवारी ने आंदोलन कर रहे बेरोजगारों के साथ वार्ता की और 16 जुलाई से शिविर लगाने का आश्वासन दिया। इसके साथ ही निकाले गए ड्राइवर को वापस रखने एवं अनुभवी ड्राइवरों को 15 जुलाई तक काम पर रखने का आश्वासन दिया। तब आंदोलन समाप्त हुआ और खदान में काम शुरू हो सका। इस दौरान प्रमुख रूप से जय कौशिक, दामोदर, रेशम, रघु, मोहन कौशिक, दीना, अनिल, हेमलाल, होरी, सुमेन्द्र सिंह, लंबोदर, पंकज, माखन यादव, विजय दास, दिलहरण चौहान, उमेश पटेल, मुरली मनोहर, जयपाल, उजाला, इंदल, श्याम रतन, मुखी, सहदेव, अरविंद, चम्पा बाई, अघन,लता, गीता, बृहस्पति, नीरा, लक्षमनिया, गंगा, रमिला, पूर्णमा के साथ काफी संख्या में विस्थापन प्रभावित गांव के बेरोजगार शामिल रहे।