शासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय में संस्था की ओर से कारगिल विजय दिवस मनाया गया। इस मौके पर बेस्ट कैडेट अवार्ड, मोमेंटो और बी, सी प्रमाण-पत्र का वितरण किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मेजर डा. एमएस गुप्ता ने कहा कि कोई भी युद्ध हथियारों के बल पर नहीं लड़ा जाता है। युद्ध साहस, बलिदान, राष्ट्रप्रेम व कर्तव्य की भावना से लड़े जाते है। मातृभूति पर सर्वस्व न्योछावर करने वाले अमर बलिदानी भले ही अब हमारे बीच में नहीं है, किंतु इनकी यादें हमारे दिलों में हमेशा के लिए रहेंगी।
रक्षा अध्ययन विभाग के प्रो. गिरीशकांत पांडेय ने बताया कि शरद ऋतु में पाकिस्तान के सैनिकों द्वारा भारतीय चौकियों पर धीरे-धीरे कब्जा करते-करते उसकी रेंज 150 किमी तक फैलाकर हमारी सेना को मौत के घाट उतारने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
गश्त से वापस न आ पाने की सूचना से हमारी सेना हरकत में आई और उसकी गहन छानबीन की। पता चला कि बर्फ से ढंकी चोटियों और चौकियों पर आतंकवादियों का कब्जा हो गया है। हमारी सेना ने बड़ी सूझबूझ के साथ धीरे-धीरे सभी चौकियों पर पुन: कब्जा किया और 26 जुलाई 2022 को आपरेशन विजय के तहत विजय प्राप्त की।
संस्था के प्रमुख डा. पीसी चौबे ने कहा कि स्वावलंबन, आत्मनिर्भरता, साहस और लगन से किसी भी कठिन से कठिन परिस्थितियों में जीत हासिल की जा सकती है।कर्नल राकेश बुधानी ने भी सेना के पराक्रम एवं कारगिल विजय से संबंधित विशेष जानकारियों से सभी को अवगत कराया। कार्यक्रम में हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डा. रेणु सक्सेना ने कविता के माध्यम से पूरे कारगिल विजय दिवस की व्याख्या की। अंत में संस्था की बेस्ट कैडेट हर्षिता सिंह को प्रमाण पत्र, चेक दिया गया। कैडेटों को बी और सी प्रमाण-पत्र वितरित किए गए।