भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जहां भी जाते हैं वहां बच्चों के साथ एक रंग हो जाते हैं। चाहे स्वामी आत्मानंद स्कूल हों या जनचौपाल, हर जगह बच्चे भी अपने बीच मुख्यमंत्री को पाकर उनके साथ बात करने और सेल्फी लेने आतुर रहते हैं। मुख्यमंत्री हर जगह न सिर्फ बच्चों की भोली फरमाइशों को पूरा करते हैं, बल्कि बच्चों के साथ उनके खेल और शरारतों में भी शामिल होते हैं। ऐसा ही कुछ नज़र आया आज पोंड़ी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में। वैसे तो मुख्यमंत्री स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्थाओं का जायजा लेने गए थे, मगर वहां उनकी नज़र परिचायिका कक्ष में स्टाफ नर्स उनिता सिंह की गोद में बच्ची गरिमा पर पड़ी। नन्हीं गरिमा को देख मुख्यमंत्री उसके नज़दीक पहुंचे और गरिमा को गोद में उठा लिया। मुख्यमंत्री ने बच्ची को खूब प्यार से दुलारा।
मुख्यमंत्री ने उनिता से पूछा कि बच्ची कितने महीने की है। उनिता ने उन्हें बताया कि गरिमा अभी 7 महीने की है। आमतौर पर बच्चे अपनी माँ की गोद से अलग होने पर रोने लगते हैं। मगर मुख्यमंत्री की गोदी में नन्हीं गरिमा ऐसे सहज हो गयी जैसे किसी अपने ने प्यार से गोद में उठा लिया हो। गरिमा ने जीभ निकाल कर भोली शरारत की तो मुख्यमंत्री शरारत में शामिल से खुद को रोक नहीं पाए। मुख्यमंत्री ने भी जीभ आगे कर नन्हीं गरिमा का खूब साथ दिया। मुख्यमंत्री ने मम्मी की ड्यूटी पर साथ आई नन्ही गरिमा को प्यार करते हुए उससे पूछा- बड़े होकर क्या बनोगी ! मुख्यमंत्री ने कहा- ये भी डॉक्टर बनेगी ! मुख्यमंत्री के इस बालसुलभ अंदाज ने सभी का दिल जीत लिया। उपस्थित सभी लोगों के चेहरे पर मुस्कान छा गयी।
मुख्यमंत्री ने बच्ची के उज्ज्वल भविष्य के लिए उनिता को शुभकामनाएं देते हुए बच्ची की देखभाल करते हुए कर्तव्य पालन करने के लिए उनिता की सराहना की।