रायपुर: हिंदू संवत्सर 2079 में पवित्र सावन माह में इस बार गुरुवार का विशेष महत्व है। सावन का शुभारंभ गुरुवार 14 जुलाई को विष्कुंभ और प्रीति योग में हो रहा है। खास बात यह है कि सावन का समापन भी गुरुवार 11 अगस्त को होगा। हरेली अमावस्या, पुष्य नक्षत्र और रक्षाबंधन भी गुरुवार को पड़ रहा है। पूरे सावन में सोमवार के अलावा गुरुवार भी पूजा-पाठ के लिए विशेष लाभदायी होगा। महत्वाकांक्षी युवाओं के लिए देवताओं के गुरु वृहस्पति की पूजा, व्रत करने से आत्मविश्वास बढ़ेगा और कार्यों में सफलता मिलेगी।
गुरु पक्ष मजबूत होने पर बढ़ती है महत्वाकांक्षा
ज्योतिषाचार्य डा. दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार गुरुवार को यदि वृहस्पति देव की पूजा की जाए तो जातक पर वृहस्पति की कृपा होती है। जिस जातक का गुरु पक्ष मजबूत होता है, वह जीवन में प्रगति की ओर अग्रसर होता है। युवाओं में महत्वाकांक्षा जागृत होती है। शिक्षा, व्यापार, नौकरी में उच्च पद हासिल करने में युवाओं को सफलता मिलती है। इस साल सावन माह का शुभारंभ गुरुवार को हो रहा है। भगवान भोलेनाथ के साथ ग्रहों के राजा वृहस्पति की पूजा करना भी श्रेष्ठ होगा।हरेली पर पितृ पूजन28 जुलाई गुरुवार को हरेली अमावस्या है। हरेली अमावस्या पर पितृ पूजन करने से पितृ दोष से छुटकारा मिलता है। इसी दिन गुरु पुष्य नक्षत्र भी है। पुष्य नक्षत्र के संयोग में पूजन करना विशेष लाभदायी होगा। पुष्य नक्षत्र में खरीदारी से समृद्धि बढ़ती है, इस नक्षत्र को विशेष शुभ माना गया है। सावन माह के अंतिम दिन गुरुवार को ही रक्षा बंधन पड़ रहा है। बहनें अपने भाई की रक्षा के लिए रक्षा सूत्र बांधेंगी और पंडित, आचार्य जनेऊ धारण करने की परंपरा निभाएंगे
सावन में चार सोमवार, विविध योगों का संयोग
इस बार सावन माह में चार सोमवार पड़ रहे हैं। अलग-अलग सोमवार को विविध योगों का संयोग है। इनमें सर्वार्थसिद्धि, अमृत, ध्रुव, रवि योग का संयोग है।
पहला सोमवार
सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को है। सोमवार को पंचमी तिथि का योग होने से कुछ राज्यों में नागपंचमी इसी दिन मनाई जाएगी। हालांकि छत्तीसगढ़ में नागपंचमी सावन शुक्ल पंचमी को मनाई जाती है, जो इस बार मंगलवार 2 अगस्त को पड़ रही है।
दूसरा सोमवार
दूसरा सोमवार 25 जुलाई को प्रदोष व्रत है। इस दिन अमृत योग, सर्वार्थसिद्धि योग और ध्रुव योग होने से शिवजी की पूजा का विशेष लाभ होगा।
तीसरा सोमवार
तीसरा सोमवार एक अगस्त को है। इस दिन रवि योग में वरद विनायक चतुर्थी भी है। भगवान शंकर के साथ उनके पुत्र प्रथम पूज्य श्रीगणेश की पूजा भी की जाएगी।
चौथा सोमवार
चौथा और आखिरी सोमवार आठ अगस्त को है। इस दिन पवित्रा एकादशी भी है। भगवान शंकर के साथ भगवान विष्णु की पूजा करना श्रेष्ठ होगा।
मंगला गौरी व्रत
सावन माह में सोमवार को भोलेनाथ की पूजा और मंगलवार को मां पार्वती की पूजा का विधान है। इसे मंगला गौरी व्रत कहा जाता है। सावन में 19 जुलाई, 26 जुलाई, 2 अगस्त नागपंचमी के साथ मंगला गौरी और 9 अगस्त को मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा।