श्री महाकालेश्वर मंदिर क्षेत्र में चल रहे स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के कार्य देखने फ्रांसीसी विकास एजेंसी एएफडी, यूएमसी, एनआईयूए के प्रतिनिधि शनिवार को उज्जैन पहुंच थे। एजेंसी के सदस्य तीन दिन यहां रहकर कार्य देखेंगे। पहले दिन दल ने महाराजवाडा, महाकाल द्वार, रूद्र सागर, राम घाट क्षेत्र का दौरा कर यहां के कार्य देखें। दल के साथ कलेक्टर आशीष सिंह भी मौजूद थे।
फ्रांसीसी विकास एजेंसी के सदस्यों ने भ्रमण के दौरान कार्य प्रगति की समीक्षा की और चल रही परियोजनाओं और नागरिकों पर इसके प्रभाव और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं से विभिन्न लोगों को कैसे मदद मिलेगी, इस पर चर्चा की। यह दौरा 3 दिवसीय चालेगा। कार्यकारी निदेशक (ईडी) अंशुल गुप्ता ने महाकाल द्वार के बारे में भी जानकारी दी जिसे पुनर्निर्मित और एक विरासत स्थल में बदल दिया गया है। इस ऐतिहासिक प्रवेश द्वार का महत्व 14 वीं शताब्दी के प्रारंभ के समय का है। सदियों से महाकाल द्वार का उपयोग स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों द्वारा रामघाट और महाकाल मंदिर को जोडऩे वाले मार्ग के रूप में किया जाता रहा है। विभिन्न राजवंशों और आधुनिक युग सिंहस्थ कुंभ में इस साइट की मरम्मत की गई है। सीईओ अशीष कुमार पाठक ने बताया कि योजना के तहत उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा रुद्र सागर को सुसज्जित झील की तरह संवारा जाएगा। साथ ही इसके आसपास विकास भी किया जाएगा। इस परियोजना के अंतर्गत पर्यटन विकास में बढ़ोतरी भी होगी।
फ्रांस सरकार के द्वारा सीटीज प्रोजेक्ट के लिए करीब 8० करोड़ रूपए योजना के लिए दिए जा रहे है। जिसके तहत महाकाल विस्तारीकरण के तहत कार्य किए जा रहे है। प्रोजेक्ट देखने के लिए फ्रांस सरकार की टीम आई है। ये सदस्य प्रोजेक्ट के कार्य देखकर फिडबेक दे रहे है। देश के 13 शहरों में जहां प्रोजेक्ट चल रहे है उनमें उज्जैन सबसे बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। यह बात टीम के सदस्यों ने कही है। टीम के सदस्यों ने यहां चल रहे कार्य पर संतोष जताया है। टीम के सदस्यों ने एक डिजाईन को लेकर कुछ चेंजेस सुझाए है,जिस पर हम आगे सुधार करेंगे।
फ्रांस सरकार ने दी है 80 करोड़ की आर्थिक सहायता…..दो वर्ष पहले 7 नवंबर 2020 को फ्रांस के राजदूत निजी दौरे पर मध्य प्रदेश आए थे। इंदौर में ठहरने के दौरान उन्होंने महाकाल दर्शन का निर्णय लिया था। दर्शन के बाद इमैनुएल लेनिन और उनकी पत्नी रामघाट गए और अंत में इंदौर रोड स्थित प्राचीन शनि मंदिर के दर्शन भी किए थे। इस दौरान मंदिर विकास योजना के लिए फ्रांस सरकार ने आर्थिक सहयोग के तौर पर 80 करोड़ रुपए देने की बात कही थी। यह राशि मंदिर के विशेष निर्माण कार्य में लगाई जाना थी। विकास कार्यो में भूमि अधिग्रहण, मंदिर क्षेत्र के आस-पास 500 मीटर में चौड़ी और पक्की सड़क, ब्रिज निर्माण, नज़दीक रहने वालों की अन्य क्षेत्र में रहने की व्यवस्था और मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मूलभूत व्यवस्थाएं शामिल है।