नागपंचमी के लिए ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के शिखर पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट रविवार रात 12 बजे के बाद खोले गए। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े के गादीपति महंत विनीत गिरीजी महाराज के सानिध्य में भगवान नागचंद्रेश्वर की पूजा अर्चना हुई। सुबह से ही दर्शनों के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है।पूजन के बाद आम भक्तों को मंदिर में प्रवेश दिया गया, दर्शन का सिलसिला लगातार 24 घंटे मंगलवार रात 12 बजे तक चलेगा।
मंदिर की परंपरा अनुसार मंगलवार दोपहर शासन की ओर से उच्च अधिकारी भगवान नागचंद्रेश्वर का पूजन करेंगे। शाम को भगवान महाकाल की संध्या आरती के बाद मंदिर समिति के अधिकारी तथा पुजारी, पुरोहितों द्वारा भगवान नागचंद्रेश्वर का पूजन किया जाएगा।मंगलवार मध्य रात्रि 12 बजे पूजा अर्चना के बाद एक साल के लिए पुन: मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे। भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए देश के विभिन्न् राज्यों से आए श्रद्धालु रविवार रात 8 बजे से दर्शन की कतार में लग गए थे। भक्तों को भगवान के दर्शन के लिए करीब 4 घंटे इंतजार करना पड़ा। पूजन के बाद जैसे ही दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ, जयकारों से गगन गुंजायमान हो गया। भक्त हर्षित मन से भगवान की एक झलक पाने को आतुर नजर आए।