मुख्यमंत्री निवास में माताएं-बहनें तीजा-पोरा पर्व को बड़े उल्लास के साथ मनाएंगी। इसके लिए मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में तैयारियां पूरी हो गई है। ठेठ पारंपरिक अंदाज में मुख्यमंत्री निवास के प्रांगण को सजाया गया है। यहां का पूरा माहौल उत्सव के अनुरूप रंग-बिरंगा और हमारी छत्तीसगढ़िया संस्कृति की झलक दिखाता हुआ नजर आ रहा है।
ढेर सारी नंदी बैल इस प्रांगण में जगह-जगह सजे नजर आ रहे हैं, जो समृद्धि और खुशहाली का एहसास दिला रहे हैं। सूपा और टोकनी पर रंगों की खूबसूरत कारीगरी के साथ इन्हें जगह-जगह बेहद निराले अंदाज में सजाया गया है। रंग-बिरंगे तोरण और पारंपरिक कलाकारी, उत्सव की थीम के अनुरूप यहां की खूबसूरती को बढ़ाएगी।
तीन दिनों तक चलने वाले छत्तीसगढ़ के पारंपरिक तीजा- पोरा पर्व का उत्साह अब जोरों पर दिखाई पड़ रहा है।
बाजारों में रौनक है और तिजहारिन माता-बहनें, किसान भाई और आम जन इस त्यौहार को पूरे उत्साह के साथ मनाने हेतु तैयारियों में जुटे हुए हैं। तीजा-पोरा पर्व के अवसर पर पिछले वर्षाे की तरह इस वर्ष भी मुख्यमंत्री निवास में भव्य उत्सव का आयोजन किया जाएगा। उत्सव में महिला पत्रकारों को भी विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। तिजहारिन माता- बहनें मुख्यमंत्री निवास को अपना मायका समझकर यहां आएं, उनका स्वागत है।
राज्य में तीज, त्यौहारों की एक समृद्ध परम्परा है। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ की संस्कृ ति के सरंक्षण और संर्वधन के लिए प्रदेश में हरेली, तीजा, माता कर्मा जयंती, छठ पूजा और विश्व आदिवासी दिवस के दिन न केवल सार्वजनिक अवकाश की शुरुआत की है, बल्कि इन लोक पर्वों के महत्व से आने वाली पीढ़ी को जोड़ने के लिए इन्हें जन सहभागिता से पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। स्थानीय त्योहारों को जन सहभागिता के जोड़कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ की संस्कृति का संवर्धन एवं संरक्षण करने का प्रयास किया जा रहा है।