कांग्रेस विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री निवास में हुई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में अविश्वास प्रस्ताव से निपटने की रणनीति पर मंथन किया गया। विधानसभा में 27 जुलाई को विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी। विधायक दल की बैठक में कांग्रेस विधायकों को सरकार के कामकाज की जानकारी दी गई। विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए विधायकों और मंत्रियों को तैयार किया गया। कांग्रेस सरकार आने के बाद विधानसभा में विपक्ष की ओर से पहला अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाएगा। ऐसे में सरकार की कोशिश है कि विपक्ष के हर आरोप का दमदारी से जवाब दिया जाए। विधायक दल की बैठक में मंत्री टीएस सिंहदेव शामिल नहीं हुए। सिंहदेव अभी भोपाल में डेरा डाले हुए हैं।
सरकार की तरफ से मंत्री रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर और शिव डहरिया मोर्चा संभालेंगे। वहीं, पहली बार के विधायकों को विशेष रूप से जिम्मेदारी दी गई है। कांग्रेस के करीब 40 विधायकों के लिए अविश्वास प्रस्ताव का पहला अनुभव होगा। ऐसे में सरकार कोई कोर-कसर छोड़ने को तैयार नहीं है। कांग्रेस विधायकों ने बताया कि मंत्रियों ने अपने-अपने विभाग की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। गांव, गरीब और किसानों के लिए संचालित योजनाओं पर विशेष फोकस किया गया। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गस्र्वा के बारे में भी विधायकों को जानकारी दी गई।
ग्रामसभा की अनुमति के बिना उद्योगों की स्थापना पर सदन में हंगामा
छत्तीसगढ़ में उद्योगों की स्थापना में ग्रामसभा की अनदेखी का आरोप लगाते हुए विपक्षी सदस्यों ने सोमवार को सदन में हंगामा किया। मंत्री मोहम्मद अकबर ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए बताया कि उद्योगों की स्थापना में सभी नियमों का पालन किया जा रहा है। सरकार के जावब से असंतुष्ट भाजपा के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।
यह मामला ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से भाजपा के शिवरतन शर्मा, नारायण चंदेल और सौरभ सिंह ने उठाया। भाजपा के सदस्यों ने आरोप लगाया कि सिमगा और अकलतरा में ग्रामीणों के विरोध के बावजूद स्पंज आयरन उद्योग लगाए जा रहे हैं। शर्मा ने कहा कि ग्राम केसदा में एक संयंत्र का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन उसके लिए अब तक न तो जनसुनवाई हुई और न ही ग्रामसभा की अनुमति ली गई है।