लंबे अंतराल बाद बीजापुर में एक बार फिर शनिवार रात से भारी बारिश के कारण जिले के नदी-नाले उफान पर हैं। जानकारी अनुसार बीजापुर भोपालपटनम नेशनल हाईवे 63 मार्ग पर मोदकपाल के चिंतावागू नदी में बाढ़ आने से मार्ग अवरूद्ध हो गया है। बीजापुर से जाने वाले वाहन मोदकपाल में खड़ी है। इसी तरह बीजापुर से गंगालूर मार्ग भी अवरूद्ध हो गया है। पोंजेर, चेरपाल नदी में भारी बारिश से नदी उफान पर है। पोंजेर स्थित 85 सीआरपीएफ कैंप में पानी भर गया है, कैंप के दो मोर्चे डूब गए हैं, हालांकि जवान सुरक्षित हैं। चेरपाल नदी में बाढ से नदी के बस्ती डूबने की स्थिति में है।
जानकारी के अनुसार रात से भारी बारिश से चेरपाल के 50-60 मवेशियों के बहने की सूचना मिली है। मवेशी मालिक इसकी जानकारी जुटाने में लगे हैं। ग्राम चिन्नाजोजेर में बढ़ी नदी में बाढ़ से गांव के 9-10 मवेशियों के भी बहने जानकारी दी गई है। ग्राम रेड्डी में 5-6 मोटर साइकिल के नदी में बहने की बात भी सामने आई है, लेकिन इस की आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली है। ग्राम कोटेर की बढ़ी नदी में बाढ़ से गांव टापू बन गया है। बीजापुर से तर्रेम राज्य मार्ग में बासागुड़ा के तालपेरू नदी में बाढ़ से आवागमन अवरूद्ध है। बीजापुर के कोकडापारा नाले में पानी ज्यादा होने से घर में पानी घुस गया। दो मकान के 5 लोगों को घर से सुरक्षित निकाला गया। नगर सैनिक के कमांडेंट निर्मल साहू के नेतृत्व में रेस्क्यू किया गया है। बीजापुर के शांतिनगर में एक मकान के गिरने की भी सूचना मिली है।
कृषि वैज्ञानिक भीरेंद्र पालेकर ने बताया कि पूर्व से भारी बारिश की चेतावनी रही है। शनिवार रात में 9 बजे के बाद से लगातार बारिश ने लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। जिले में कई इलाकों में बाढ़ की खबर मिली है। एक ही रात में 154 मिमी बारिश रिकार्ड दर्ज किया गया है। कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि अभी बारिश सोमवार तक रहने की संभावना है। नदी नाले के किनारे रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर रहने के लिए प्रशासन द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। बीजापुर के तहसीलदार डीआर ध्रुव व आर. आई. शंकर लाल कतलाम, सुभाष कुडियम सहित पटवारी व अन्य मैदानी कर्मचारियों द्वारा बाढ इलाके में दौरा कर रहे हैं। साथ ही नदी नाले पार न करने की हिदायत भी दिया गया है।