प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के असली इतिहास को दबाने पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि देश को ऐसा इतिहास पढ़ाया गया, जो विदेशियों के एजेंडे को आगे बढ़ाता है।
PM मोदी ने कहा कि भारत का इतिहास सिर्फ गुलामी का नहीं है। देश के वीरों की भी खूब कहानियां हैं। ऐसे लोगों के बारे में बताया ही नहीं गया। हम अब उन सभी गलतियों को सुधार रहे हैं, जो पहले की गई हैं।
दिल्ली के विज्ञान भवन में PM ने लचित बरफुकान की 400वीं जयंती कार्यक्रम के समापन समारोह में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने सेनापति लचित के योगदान को याद किया।
PM ने सेनापति लचित के साहस को सराहा
PM ने कहा कि मैं असम की धरती को प्रणाम करता हूं, जिसने लचित जैसे वीर दिए। वीर लचित ने अपने जीवन में खूब साहस और वीरता दिखाई है। असम की धरती इसकी गवाह रही है।
उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई तलवार के जोर से हमें झुकाना चाहता है, हमारी पहचान को बदलना चाहता है तो हमें उसका जवाब भी देना आता है।
लचित बरफुकन का जन्म 24 नवंबर 1622 को हुआ। वे अहोम साम्राज्य के प्रसिद्ध सेनापति थे। लचित को पूर्वोत्तर का शिवाजी भी कहा जाता है। क्योंकि उन्होंने शिवाजी की तरह मुगलों की कई बार रणनीति से हराया था। मुगलों को हराने वाले लचित की याद में हर साल असम में 24 नवंबर को लचित दिवस मनाया जाता है।