रायपुर;
चुनावी वादों को लेकर चल रही राजनीतिक खींचतान में अब एक और अध्याय जुड़ गया है बेरोजगारी भत्ते वादे के मुद्दे पर कांग्रेस ने किनारा कर लिया है अब बेरोजगारी भत्ते का मुद्दा घोषणा पत्र में है या नहीं इस पर नई बहस छिड़ गई है, जिस घोषणा पत्र के आधार पर कांग्रेस की सरकार बनी आज वही घोषणा पत्र के वादों कांग्रेस सरकार के लिए मुसबीत साबित हो रही है जिस बेरोजगारी के मुद्दे पर देश भर में भाजपा बेकफुट में है उसी बेरोजगारी भत्ते के मसले पर प्रदेश में भाजपा काँग्रेस पर हमलावर है बेरोजगारी भत्ते को कांग्रेस का चुनावी वादा बताते हुए भाजपा ने बुधवार को प्रदर्शन भी किया, लेकिन अब भाजपा के इस आरोप को कांग्रेस ने खारिज किया है मंत्री रविंद्र चौबे ने घोषणा पत्र में बेरोजगारी भत्ते का वादा होने जैसी बात से इंकार कर दिया है कांग्रेस बेरोजगारी भत्ते को बेवजह का मुद्दा बना रही है।
इधर कांग्रेस की ओर से बेरोजगारी भत्ते के वादे पर आए बयान के बाद भाजपा और आक्रामक है भाजपा बेरोजगारी भत्ते को लेकर काँग्रेस द्वारा कही जा रही बातों के विरोध में कई तथ्यों के साथ मैदान में उतरी है भाजपा नेताओ ने कई विज्ञापनों,, भाषणों के आधार पर बेरोजगारी भत्ते को लेकर कही गई बातों को सामने रखा है, दोनों ओर से अपने-अपने दावे है लेकिन कांग्रेस के घोषणा पत्र पर नज़र डालें तो इस बात को लेकर कोई स्पष्ट उल्लेख नही है कांग्रेस के घोषणा पत्र में 10 लाख युवाओं को राजीव गांधी क्लब के जरिए 25 सो रुपये तक देने की बात कही गई है,, ऐसे में बेरोजगारी भत्ते जैसी बात घोषणा पत्र में स्पष्ट नहीं है और इसीलिए बेरोजगारी भत्ते के मामले में धुंध छाई हुई है जिस पर सियासतती वार प्रतिवार का दौर चल रहा है।