श्रावण के दूसरे सोमवार पर ज्योतिर्लिंग महाकाल में भगवान भस्मरमैया के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में दर्शनार्थी आए। देशभर के 2500 आस्थावानों को दर्शन अनुमति दी गई थी। गर्भगृह के सामने नंदी हाल, गणेश मंडपम्, कार्तिकेय मंडपम् से दर्शनार्थियों ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शन किए। तड़के पट खुलने के बाद भगवान का अभिषेक किया गया। तत्पश्चात श्रृंगार हुआ। फिर महाानिर्वाणी अखाड़े की ओर से महाकाल को भस्म अर्पित की गई। पूरा मंदिर परिसर जयकारों से गूंज उठा। भस्म आरती के बाद दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ। ये दोपहर दो बजे तक जारी रहेगा। शाम को निकलने वाली सवारी के कारण कुछ देर के लिए दर्शन रोके जाएंगे।
आज बाबा महाकाल की दूसरी सवारी निकलेगी, अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर तथा हाथी पर मन महेश रूप में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। महाकाल मंदिर से शाम 4 बजे शाही ठाठ बाट के साथ सवारी शुरू होगी। दोपहर 3.30 बजे मंदिर के सभा मंडप में कलेक्टर आशीष सिंह भगवान महाकाल के चंद्रमौलेश्वर व मन महेश रूप का पूजन कर पालकी को नगर भ्रमण के लिए रवाना करेंगे। महाकाल मंदिर से शुरू होकर सवारी कोटमोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी।
पुजारी शिप्रा जल से भगवान महाकाल का अभिषेक पूजन करेंगे। पूजन पश्चात सवारी रामानुजकोट, कार्तिकचौक, जगदीश मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक होते हुए गोपाल मंदिर पहुंचेगी। यहां हरि हर का मिलन होगा, गोपाल मंदिर के पुजारियों द्वारा भगवान महाकाल की पूजा अर्चना की जाएगी। इसके बाद सवारी पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए शाम करीब 7 बजे पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।