छत्तीसगढ़ के लिए मानसून सामान्य नहीं है। प्रदेश में मानसून के सक्रिय हुए 15 दिन हो गए। लेकिन प्रदेश के 19 जिलों में सामान्य से कम बरसात हुई है। तीन जिलों में तो 66 से 74% तक कम पानी बरसा है। मौसम विभाग के मुताबिक एक जून से 30 जून तक प्रदेश में सामान्य तौर पर औसतन 193.5 मिलीमीटर बरसात होती है। इस साल जून महीने के इन 30 दिनों में केवल 137.3 मिलीमीटर यानी 29% कम पानी बरसा है।
मौसम विभाग के मुताबिक, जशपुर जिले में सबसे कम बरसात हुई है। यहां 265.5 मिमी औसत बरसात होती रही है। इस बार केवल 69.6 मिमी बरसात हुई है। यह 74% तक कम है। बलरामपुर और सरगुजा में 66% कम पानी बरसा है। वहीं रायपुर में 59% कम बरसात हुई है। यहां सामान्य तौर पर जून में 178.2 मिमी औसत बरसात होती है। इस बार केवल 73.5 मिमी बरसात ही हो पाई है।
बस्तर, बेमेतरा, दंतेवाड़ा, दुर्ग, कांकेर, कोरिया, कोण्डागांव, महासमुंद, रायगढ़, राजनांदगांव, सुकमा और सूरजपुर में भी 20 से 59% तक कम बरसात होने की वजह से कम वर्षा वाले क्षेत्रों में शामिल किया गया है। पिछले साल सुकमा जिला जून में सबसे अधिक बरसात वाले जिलों में शामिल था। इस बार यह सूखे जिलों में दिख रहा है। कम बरसात की वजह से कई जिलों में धान की रोपाई शुरू नहीं हो पा रही है। अगर यह खिंच गया तो इस साल धान का उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
केवल सात जिलों में सामान्य वर्षा
प्रदेश के सात जिलों में सामान्य वर्षा हुई है। इसमें से पांच जिलों में सामान्य से 17 मिमी तक कम बरसात हुई है। इनमें नारायणपुर, बीजापुर, धमतरी, गरियाबंद और कोरबा जिला शामिल है। जांजगीर-चांपा में 10% और बिलासपुर में 5% अधिक पानी बरसा है।
मुंगेली-कबीरधाम में जरूरत से अधिक पानी
प्रदेश के केवल 2 जिले ऐसे हैं जहां से बहुत अधिक पानी गिरा है। कबीरधाम जिले में जून का सामान्य औसत है 134.5 मिलीमीटर। इस एक महीने में कबीरधाम जिले में 181 मिमी पानी बरस चुका है। यानी सामान्य से 35% अधिक बरसात हो चुकी है। मुंगेली जिले में 30% अधिक बरसात हुई है। यहां सामान्य औसत 163.2 मिमी का है। 30 जून तक मुंगेली में 211.5 मिमी बरसात हो चुकी है।