संवाददाता सुबोध तिवारी,, भिलाई,,
बोनस को लेकर प्रबंधन के अड़ियल रवैये के खिलाफ आज बोरिया गेट में यूनियनों का संयुक्त प्रदर्शन किया गया जिसमें इंटक, सीटू, एटक, एचएमएस, एक्टू, स्टील वर्कर्स यूनियन, इस्पात श्रमिक मंच और लोइमो के साथी शामिल हुए । सेल प्रबंधन ने बोनस के लिए 19 सितंबर एवं 24 सितंबर को दो बैठके बुलाई किंतु कोई नतीजा नहीं निकला । यूनियने संयुक्त रूप से ₹63000 बोनस देने की मांग कर रही थी जबकि मैनेजमेंट ने पिछले वर्ष दिए ₹21000 से बातचीत शुरू की ।
2 दिन की बैठक में जहां यूनियनों ने ₹18000 कम करते हुए ₹45000 पर आकर अड़ गए वहीं प्रबंधन ने मात्र ₹5000 बढ़ाते हुए ₹26000 बोनस देने की पेशकश की जो कि कर्मचारियों के साथ घोर मजाक है । ज्ञात हो कि वर्ष 2020-21 में सरकार को दिए जाने वाले कर को चुकाने के पश्चात सेल ने 3850 करोड रुपए लाभ कमाया था वही वर्ष 2021-22 में सरकार को दिए जाने वाले कर को चुकाने के पश्चात सेल ने 12015 करोड रुपए लाभ कमाया है । यूनियने संयुक्त रूप से उस कमाए हुए लाभ में से लगभग 3% राशि को सेल में कार्यरत 50,000 से ज्यादा कर्मियों के बीच बोनस के रूप में बांटने को कह रही है जिसके लिए प्रबंधन तैयार नहीं हैं वहीं प्रबंधन सेल में कार्यरत लगभग 10,000 अधिकारियों को कमाए गए लाभ की 5% राशि पीआरपी के रूप में देने के लिए तैयार है ।
इन्हीं सब मुद्दों को लेकर बात नहीं बन पाने के कारण प्रबंधन ने सोचे समझे बिना अपनी मर्जी से बोनस के लिए अगली बैठक 10 अक्टूबर को रखा है जबकि सेल एवं अन्य पीएसयू में भी यूनियनों के साथ चर्चा करके दुर्गा पूजा के पहले बोनस दिया जाता रहा है | प्रबंधन की इस हरकत ने कर्मियों के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है । कायदे से मिलना चाहिए 3 गुना बोनस,, कर्मियों का स्पष्ट मानना है कि सेल में होने वाले उत्पादन एवं उस उत्पाद को बेचकर कमाए जाने वाले मुनाफे में कर्मचारियों का ना केवल बराबर का हक है बल्कि यह कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी कि कर्मियों के खून पसीना बहाकर तैयार हो रहे उत्पाद को ही बेचने से हम पिछले वर्ष की तुलना में 3 गुना लाभ अर्जित किए हैं क्योंकि प्रबंधन ने अपने वादे के अनुसार बोनस हेतु फार्मूला बनाने के लिए कोई पहल नहीं की है इसीलिए 3 गुना लाभ अर्जित करने की स्थिति में बोनस को भी 3 गुना बढ़ाकर देना चाहिए किंतु प्रबंधन का अड़ियल रवैया ऐसा है कि 3 गुना बोनस तो दूर वह दुगना बोनस भी देने के लिए तैयार नहीं है ।
क्या घाटा कर्मियों को कुछ देने के समय ही होता है अधिकारियों को देने के समय नहीं,, प्रदर्शन के दौरान एकत्रित हुए साथियों ने सेल प्रबंधन से पूछा कि जब भी कर्मियों को एरियर्स अथवा बोनस देने का समय आता है प्रबंधन घाटा एवं सेल की खराब स्थिति का बहाना बनाकर कर्मियों को देने में आनाकानी करता है लेकिन अधिकारियों को देते समय ऐसी किसी भी बात का जिक्र नहीं होता है । यूनियनों ने एक स्वर में कहा कि प्रबंधन के इस रवैये के कारण कर्मियों का आक्रोश आज प्रदर्शन के रूप में दिखा है यदि प्रबंधन का कर्मियों के प्रति ऐसा ही रुख रहा तो यह आक्रोश और जमकर फूटेगा जिसके लिए पूरी तरह से प्रबंधन ही जिम्मेदार होगा ।
युवा कर्मियों ने बड़ी संख्या में की प्रदर्शन में भागीदारी युवा कर्मियों द्वारा बोनस को लेकर प्रबंधन के रुख पर सोशल मीडिया में जबरदस्त तरीके से विरोध किया जा रहा था, यूनियनों ने युवा कर्मियों से अपील किया कि सोशल मीडिया की लड़ाई के साथ-साथ जमीनी लड़ाई भी आवश्यक है इसीलिए प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी करें, जिसका आज प्रदर्शन में असर दिखा है सभी मॉडक्स इकाइयों से बड़ी संख्या में युवा कर्मी प्रदर्शन में शामिल हुए । कर्मियों ने स्वफुर्त तरीके से प्रदर्शन में भागीदारी की प्रदर्शन के दौरान संयुक्त यूनियन के नेताओं ने संयंत्र जा रहे कर्मियों को कुछ देर रुक कर प्रदर्शन में भागीदारी करने की अपील की इस पर कर्मियों ने स्वफुर्त तरीके से 5-5 मिनट रुक कर प्रदर्शन को समर्थन दिया । प्रदर्शन के अंत में संयुक्त यूनियन के नेताओं ने सार्वजनिक रूप से प्रबंधन को कहा कि यदि प्रबंधन ने अभी भी अपने अड़ियल रुख को नहीं छोड़ा तो कर्मियों का आक्रोश और बढ़ेगा जिसके लिए प्रबंधन तैयार रहे ।
प्रदर्शन में एस के बघेल, संजय साहू, सविता मालवीय, एस पी डे, विनोद सोनी, अमर सिंह, प्रमोद मिश्रा, आदित्य माथुर, श्याम लाल साहू, भुवन साहू, नंद किशोर गुप्ता, टंडन दास, राजेश अग्रवाल, शेख महमूद, सुरेन्द्र मोहंती, मनीष नायक शामिल थे ।