छत्तीगसढ़ विधानसभा का घेराव करने आ रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के मुद्दे पर सदन में भाजपा ने जमकर हंगामा किया। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने सदन में ये जानकारी दी। विधायक ने कहा कि मुझे भी गिरफ्तार किया गया था। इस घटना को लेकर सदन में सरकार के वक्तव्य की मांग करते हुए भाजपा के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। भाजपा सदस्यों के हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
दरअसल, राजधानी में नशाखोरी के कारण बढ़ रहे अपराध के खिलाफ भाजपा आज विधानसभा का घेराव कर रही है। विधानसभा का घेराव करने निकले भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई। इस पर पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया।
भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ में अपराध बेलगाम हो गया हैं। दुष्कर्म, चाकूबाजी, लूट, हत्या जैसी घटनाएं आम हो गई है। अधिकतर घटनाओं के मूल में नशा एक बड़ा कारण बनता जा रहा है। शराबबंदी का वादा करके कांग्रेस सत्ता में आई, लेकिन शराबबंदी तो दूर, शहर में सूखा नशा गली-गली में आसानी से उपलब्ध है। सरकार इस पर रोक लगाने के बजाय तबादला उद्योग में मस्त है।
इससे पहले जांजगीर चांपा में डीएमएफ में अनियमितता का मामला सदन में उठा। बीजेपी विधायक सौरभ सिंह, नारायण चंदेल और शिवरतन शर्मा ने यह मुद्दा सदन में उठाया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोले, कहीं भी गलत हुआ होगा तो अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी, उन्हें छोड़ने का काम हम नहीं करेंगे।
सौरभ सिंह ने कहा, आठ करोड़ की राशि का भुगतान सिंगल कोटेशन के आधार पर कर दिया गया। सप्लायर ने मशीनों की सप्लाई भी कर दी। केंद्र का नियम है कि जेम पोर्टल से ही खरीदी होगी। जबकि नियमों को दरकिनार कर दिया गया। नियम कहता है कि शासी समिति की सिफारिश के बगैर खरीदी नहीं हो सकती। मगर बगैर शासी परिषद की सिफारिश के खरीदी की गई। 2018-19 के बाद अब तक आडिट भी नहीं किया गया है। तीन वित्तीय वर्ष में स्वीकृत कार्यों में अधिकांश पूर्ण नहीं हुए हैं। दो वित्तीय वर्ष में केवल प्रशिक्षण में ही 23 करोड़ रुपए खर्च किए गए। कागजों पर यह राशि खर्च कर दी गई है। रकम की बंदरबांट हुई है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- जांजगीर जिले में प्रतिवर्ष सौ करोड़ से अधिक राशि डीएमएफ से प्राप्त होती है। शासी परिषद के अनुमोदन से राशि खर्च की जाती है। पचास फीसदी राशि खर्च करने की बात सही नहीं है। महज 28 फीसदी राशि खर्च हुई है। कलेक्टर के तबादले के बाद 30 करोड़ रुपये की खरीदी किए जाने की बात सही नहीं है। केवल दस करोड़ रुपए की खरीदी के आदेश जारी किए गए। 21 करोड़ रुपए के काम को निरस्त किया गया है। शासी परिषद की बैठक में इन कामों का अनुमोदन किया जाएगा। 28 जून 2022 को बीज निगम को प्रदायगी आदेश जारी किया गया था। मिनी राइस मशीन समेत अन्य मशीन की उपलब्धता की वजह से मशीनों की सप्लाई हुई। पिछले वर्ष की ब्याज राशि से किसी भी तरह के काम का अनुमोदन नहीं किया गया है। पिछले तीन वित्तीय वर्ष में 1833 कार्यों की स्वीकृति हुई है जिसमें से 1200 से ज्यादा कार्य हो चुके हैं। छह सौ से ज़्यादा कार्य प्रगति में हैं।