विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष ने सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। इस पर बुधवार को सदन में चर्चा होगी। करीब पौने चार वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुकी बघेल सरकार के विरुद्ध विपक्ष का यह पहला अविश्वास प्रस्ताव है। प्रदेश के करीब 22 वर्षों के इतिहास में सदन में यह आठवीं बार अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है। इससे पहले पेश हुए सातों प्रस्ताव बहुमत के आधार पर गिर गए थे। सत्तापक्ष के संख्या बल को देखते हुए इस बार भी अविश्वास प्रस्ताव गिरने की संभावना ज्यादा है। डा. रमन सिंह के नेतृत्व वाली पिछली सरकार को सबसे ज्यादा तीन अविश्वास प्रस्ताव पेश किए गए थे।
दोनों तरफ कुशल खिलाड़ी………
मौजूदा सदन में दोनों ही तरफ राजनीति के कुशल खिलाड़ी मौजूद हैं। इनमें सरकार का नेतृत्व कर रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर और सत्यनारायण शर्मा शामिल हैं। पिछली सरकार के कार्यकाल में सर्वाधिक तीन अविश्वास प्रस्ताव पेश हुए थे। तब सिंहदेव नेता प्रतिपक्ष और बघेल विधायक के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे। 2005 में रमन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, तब महेंद्र कर्मा नेता प्रतिपक्ष और बघेल उपनेता थे। 2011 में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष चौबे के नेतृत्व में रमन सरकार के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया था। वहीं विपक्ष में बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा और धरमलाल कौशिक मौजूद हैं। जोगी सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष नंदकुमार साय के नेतृत्व में दो-दो बार अविश्वास प्रस्ताव पेश करने वालों में ये नेता भी शामिल थे।