नोएडा में सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर को ढहाने के बाद प्रशासन और एक्सपर्ट टीम मौके पर पहुंच गई है और स्थिति का जायजा ले रही है। कोशिश की जा रही है कि धूल का गुबार को जल्द से जल्द काबू में किया जाए। साथ ही इस बात का अंदाजा भी लगाया जा रहा है कि मलबे और धूल से कितना नुकसान हो सकता है और इसे कैसे न्यूनतम किया जा सकता है। प्रशासन के मुताबिक मोटे तौर पर प्लान के मुताबिक ही नतीजा रहा है। नोएडा अथॉरिटी की CEO ने बताया कि आसपास की हाउसिंग सोसायटीज को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। एक घंटे के अंदर इस बारे में पूरी स्थिति साफ हो जाएगी। उन्होंने बताया कि शाम 6.30 बजे के बाद सोसायटी के लोगों को वापस लौटने की अनुमति दी जाएगी।
कैसे हुआ विस्फोट?
इससे पहले दोपहर के ठीक ढाई बजे 32 मंजिला इमारतों में विस्फोट हुआ और 9 सेकेंड में दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊंची 100 मीटर की ये इमारते मलबे में तब्दील हो गई। इसे गिराने के लिए 37,00 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। इससे पहले ट्विन टावर की दो सबसे नजदीकी सोसायटी-एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के 5,000 से अधिक निवासियों और उनके 150 से 200 पालतू जानवरों को रविवार सुबह सात बजे तक वहां से निकाल दिया गया था। दोनों परिसरों से लगभग तीन हजार वाहन भी हटा गए थे। वहीं, करीब 500 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी मौके पर तैनात किए गए थे।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी परिसर के बीच इस निर्माण को नियमों का उल्लंघन बताया था, जिसके बाद इन्हें ढहाने का काम किया गया। इसके लिए सोसायटी के लोगों ने करीब 10 सालों तक अदालती लड़ाई लड़ी और आखिरकार उनकी जीत हुई।