जिले के पत्थलगांव क्षेत्र में इन दिनों हाथियों का उत्पात जारी है। वन विभाग के अनुसार पत्थलगांव रेंज में गौतमी दल पिछले एक सप्ताह से डेरा जमाए हुए है। इस दल में दो छोटे हाथी भी शामिल है। अधिकारियों के अनुसार इस दल ने बीते दो दिनों के अंदर रेंज में तीन घरों को क्षतिग्रस्त करने के साथ ही धान की फसलों को भी नुकसान पहुंचाया है। जिले का पत्थलगांव और तपकरा रेंज गौतमी दल का पसंदीदा विचरण क्षेत्र रहा है। गौतमी दल,मूलत:ओड़िशा का हाथी दल है। यह दल ओड़िशा से छत्तीसगढ़ आता जाता रहता है। वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि गौतमी दल के दो तीन दिन पत्थलगांव रेंज में रहने की संभावना है। इसके बाद इ
स दल के तपकरा रेंज में जाने की संभावना है। जानकारी के लिए बता दें कि ओड़िसा और झारखंड की सीमा पर स्थित जशपुर जिले में हाथी समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। वह विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 में जनवरी से जून माह के मध्य हाथियों के हमले में 16 लोगो की जान जा चुकी है। इस समस्या को सुलझाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने स्मार्ट हूटर,सोलर वायर फेंसिंग,जीआई वायर फेंसिंग जैसे कई प्रयोग किये हैं,लेकिन इन्हें अभी तक अपेक्षित सफलता नहीं मिली है।
हाथियों के भय से पत्थलगांव रेंज में आने वाले गांवों के ग्रामीण रतजगा कर रहे है। हाथियों का दल दिन में जंगल में आराम करते है और रात में गांवों में पहुंच जाते हैं। जिसके कारण ग्रामीणों में दहशत है। हाथियों के हमले की आशंका के चलते ग्रामीण रात में मशाल जलाकर गांव से लगने वाले जंगल के पास झुंड बनाकर बैठे रहते है। वहीं हाथियों के हमले के भय से वे दिन में भी अपने खेतों में धान के पौधों को देखने नहीं जा पा रहे है। वहीं वन विभाग की टीम ग्रामीणों को हाथियों से सचेत रहने के निर्देश अपनी औपचारिकताएं पूरी कर रहे हैं और हाथी प्रभावित गांवों का दौरा नहीं कर रहे है। इसे लेकर ग्रामीणों में असंतोष है।