भिलाई;
सामान्य जीवन व्यतीत करता इंसान उस समय भय का शिकार हो जाता है जब धरती के गर्भ में रहने वाले जीव जंतुओं से उसका सामना होता है । इसमें अन्य जंतुओं को छोड़ दें तो पहले नम्बर पर ज़हरीले साँप आते हैं । हालांकि सभी प्रजाति के साँप ज़हरीले नहीं होते पर मारे डर के इंसान इन पर हमला कर उनके प्राण हर लेता है । इंसान और साँपों के बीच डर भय इस कड़ी में सपेरों के अलावा एक और नाम जुड़ गया है जिन्हें सर्प मित्र या स्नेक कैचर के नाम से जाना जाता है ।
अभी दो दिन पहले की ही बात है ख़बर आई थी कि भिलाई की ढाँचा भवन इलाके में बेहद ज़हरीले प्रजाति का साँप रसेल वाइपर घर के आँगन में फुँफकारता बैठा है । घर वालों को तो सांप की पहचान नहीं थी पर उससे दूरी रखते हुए उन्होंने तत्काल एक सौ बारह और स्नेक रेस्क्यू करने वाली टीम को सूचना दी । मात्र 15 मिनट में शहर के एक कोने से दूसरे कोने में पहुंच कर ज़हरीले सांप को पकड़ा गया ।
इन सर्प मित्रों ने अपनी संस्था स्नेक रिलीफ फाउंडेशन के तहत अब तक सैकड़ों ज़हरीले साँपों, बंदरों, बिग लिज़ार्ड और घायल मवेशियों की जाने बचाई हैं । लगभग 15 वर्षों से साँपों को बचाने का काम कर रहे राजा ने बताया कि भिलाई के कुछ ऐसे चुनिंदा जगह हैं जहाँ एक या दो ही प्रजाति के साँप सबसे ज़्यादा पाए जाते हैं । सामान्य प्रजाति के सर्पों के अलावा ऐसे साँप जिनके डंसने से इंसान तो क्या बड़े बड़े जानवरों की भी मौत मिनटों में हो जाती है जिसमे कोबरा, करैत, रसेल वाइपर शामिल हैं जैसे बेहद ज़हरीले सर्पों को पकड़ कर इन्होंने ना केवल मानव जीवन की रक्षा की बल्कि इन खतरनाक साँपों को पकड़ कर उनके अनुकूल दूर जंगल झाड़ियों मे छोड़ कर उन्हें भी जीवन दान दिया ।
जल जंगल और जमीन ये तीनों मानव जीवन पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों ही तरह से प्रभाव डालते हैं । जब संतुलन बिगड़ता है तो जीव जंतु और मानव आमने सामने हो जाते हैं ऐसे में सर्प मित्रों जैसे लोग ही दोनों जिंदगियों को बचाते हैं ।