कांग्रेस की बैठक में एक बार फिर जिलाध्यक्षों और कार्यकर्ताओं का असंतोष सामने आया है। शनिवार को एक खुली बैठक में कई जिलाध्यक्ष ने सरकार और संगठन दोनों पर उपेक्षा का आरोप लगाया। एक जिलाध्यक्ष ने तो यहां तक कह दिया कि कार्यकर्ताओं की असंतोष की वजह से ही अजीत जोगी की सरकार गई, रमन सिंह की सरकार गई। यदि यह बातें नहीं समझी गईं तो मंत्रियों का काम बिगड़ेगा। हमारा क्या है-हम तो कार्यकर्ता हैं।
कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में शनिवार को प्रदेश पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई गई थी। इसमें कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित तमाम वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी शामिल हुए। मुख्य एजेंडे पर बात रखने के बाद मुख्यमंत्री वहां से चले गए। उसके बाद संगठन को लेकर बात शुरू हुई तो पदाधिकारियों की नाराजगी एक-एक कर बाहर आने लगी।
कहा गया, कार्यकर्ता उदास हैं। नियुक्तियां संगठन से पूछ कर नहीं हो रही हैं। उनके जिले की मंडियों में संचालक समिति बनी। इसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति हुई है। इन नियुक्तियों से पहले उन लोगों से पूछा तक नहीं गया। नियुक्ति का पता भी अखबार से चलता है। निगम-मंडलों में 2200 नियुक्तियों की बात थी लेकिन इसकी सूची 400 पर अटक गई। एक जिलाध्यक्ष ने कहा, हम जब विपक्ष में थे तो प्रशासन की हिम्मत नहीं होती थी हमारी बात काटने की, पर अब तो कोई सुनवाई ही नहीं है। इसकी वजह से 2023 में परेशानी आएगी।
एक जिलाध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं के नाराजगी की बात की। कहा-अजीत जोगी की सरकार क्यों गई थी? रमन सिंह चाउर वाले बाबा कहलाते थे, मोबाइल बांटे फिर भी उनकी सरकार क्यों गई? यह सब कार्यकर्ताओं के असंतोष की वजह से हुआ। यदि यह बातें नहीं समझी गईं तो बिगड़ेगा आपका। आप लोग जो डायस में बैठे हैं, बिगड़ेगा उनका जो मंत्री हैं।
विधायकों के खिलाफ भी गुस्सा
कई पदाधिकारियों ने विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ भी नाराजगी जताई। एक पदाधिकारी ने कहा, उन लोगों को कोई पूछ नहीं रहा है। अपॉइंटमेंट नहीं मिलता। विधायक उनका सम्मान नहीं करते। प्रशासन भाजपा के लोगों के इशारे पर काम कर रहा है। हमारे कार्यकर्ता चार साल से परेशान हैं।
21-22 जुलाई को ED के खिलाफ प्रदर्शन तय
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय-ED के खिलाफ प्रदर्शन करेगी। इसके लिए 21-22 जुलाई की तारीख तय की गई है। यह तारीख इसलिए कि 21 जुलाई को ही ED ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पूछताछ के लिए बुलाया है। उनसे नेशनल हेराल्ड केस में पूछताछ की जानी है। शनिवार को राजीव भवन में हुई बैठक के दौरान इसकी रणनीति बनी। 21 जुलाई को ED के विरोध में प्रदर्शन रायपुर में और 22 जुलाई को जिला मुख्यालयों में होगा।
मुख्यमंत्री बोले, ED-IT का दुरुपयोग कर रही केंद्र सरकार
बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, मोदी सरकार विपक्ष के नेताओं के दमन के लिये ED, IT का दुरुपयोग कर रही है। राहुल गांधी के बाद अब सोनिया गांधी को परेशान करने के उद्देश्य से ED का समन भेजा गया है। कांग्रेस पूरे देश में इसका पुरजोर विरोध करेगी। कांग्रेस के सभी पदाधिकारी, कार्यकर्ता, विधायक, मंत्री, सांसद इस कार्यक्रम में अनिवार्य रूप से शामिल होंगे। प्रदेश प्रभारी पी.एल. पुनिया ने कहा कि सभी को ED का पुरजोर विरोध करना है।