भोपाल –
शिवराज सरकार ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता तीन प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा के बाद अब पेंशनरों की भी सुध ली है। शिवराज सरकार ने पेंशनरों के लिए महंगाई राहत में पांच प्रतिशत वृद्धि की है। पेंशनरों को मई से 17 की जगह 22 प्रतिशत की दर से महंगाई राहत मिलेगी। छठे वेतनमान में यह वृद्धि दस प्रतिशत की गई है। इसका लाभ साढ़े चार लाख पेंशनर को मिलेगा।
बता दें कि प्रदेश के पेंशनरों को एक अक्टूबर 2021 से 17 प्रतिशत की दर से महंगाई राहत मिल रही थी। कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 11 प्रतिशत बढ़ाने के बाद सरकार ने महंगाई राहत में वृद्धि के लिए छत्तीसगढ़ सरकार से सहमति देने पत्र लिखा था, लेकिन यह नहीं मिली। स्मरण पत्र भेजने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने पांच प्रतिशत महंगाई राहत में मई 2022 से वृद्धि करने की सहमति दी। इस आधार पर वित्त विभाग ने मंगलवार को एक मई 2022 से पांच प्रतिशत महंगाई राहत बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए। उधर, पेंशनर एसोसिएशन मध्य प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गणेश दत्त जोशी ने कहा कि पेंशनर के साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा है। कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 34 प्रतिशत हो गया है लेकिन हमारी राहत केवल पांच प्रतिशत बढ़ाई गई है। एरियर देने की भी कहीं कोई बात नहीं है। इस अन्याय के विरुद्ध पेंशनर चार अगस्त को विंध्याचल भवन के बाहर प्रदर्शन करेंगे।
मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर मंगलवार को मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को ज्ञापन सौंपा है। मंच के अध्यक्ष अशोक पांडेय ने बताया कि सरकार से विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग करते हुए कहा गया है कि ऐसा नहीं हुआ तो विधानसभा का घेराव किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मंच और एनपीएस धारक करीब पांच लाख कर्मचारी तीन साल से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट भी फैसला दे चुका है। पांडेय कहते हैं कि जब राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ सरकार पुरानी पेंशन बहाल कर सकती हैं तो मध्य प्रदेश सरकार क्यों नहीं? जबकि इसे लेकर धरना-प्रदर्शन, पोस्टकार्ड अभियान, जनजागरण अभियान, विशाल महारैली, पुतला दहन के साथ सांसद-विधायक भी कर्मचारियों के पक्ष में अनुशंसा कर चुके हैं।