केंद्र सरकार ने देश में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने का फैसला सुना दिया है। महज दो दिनों बाद इस फरमान पर अमल शुरु होना है, जिसे लेकर छत्तीसगढ़ में हड़कंप मच गया है। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले इस सिंगल यूज प्लास्टिक के कारोबार से जुड़े लोगों के हाथ—पांव फुलने लगे हैं। तो उनकी जान हलक पर अटक गई है।
देश में बिगड़ते पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन में आए बदलाव के पीछे एक बड़ी प्लास्टिक को बताया गया है। सिंगल यूज प्लास्टिक की वजह से जहां धरती की उर्वरा शक्ति कमजोर पड़ गई है, तो इन प्लास्टिक्स की वजह से ही मवेशियों में कई तरह की बीमारी पनप रही है, इसका सीधा दुष्प्रभाव मानव जीवन पर पड़ रहा है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रिपोर्ट और सिफारिश के बाद भारत सरकार ने देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक्स को प्रतिबंधित करने का फरमान जारी कर दिया है। इस पर 1 जुलाई से अमल शुरु हो जाएगा, जिसके लिए दिशा—निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
केंद्र के इस फैसले के बाद छत्तीसगढ़ में प्लास्टिक कारोबार करने वालों में हड़कंप मच गया है। राज्य में ऐसी 90 फैक्ट्रियां हैं, जिन्हें इस आदेश के बाद बंद करना ही पड़ेगा। माना जा रहा है कि इससे 200 करोड़ का कारोबार प्रभावित होगा। वहीं प्लास्टिक्स की ट्रेडिंग के कारोबार में जुटे करीब 5 हजार लोगों की जान हलक पर अटक गई है। क्योंकि डंप माल का नुकसान उन्हें भी उठाना होगा।