बरसात का सीजन भला किसे पसंद नहीं होता। लोग इस मौसम में पौधारोपण भी खूब करते हैं। बस इस मौसम की परेशानी यह है कि बगीचे के कई पौधे ज्यादा पानी मिलने के कारण सड़ने लगते हैं। सड़क के किनारे और गार्डन में बहुत सारी हरी घास और खरपतवार उग जाते हैं।
मानसून के सीजन में कई लोगों के घरों में पौधों में कीड़े भी लग जाते हैं। गुड़हल के पौधे में लगे सफेद कीड़े, गुलाब के पौधे में लगे काले कीड़े आदि इस सीजन में बहुत ज्यादा परेशान कर सकते हैं। अगर आपकी भी यही समस्या है और मानसून में ज्यादा पौधे सड़ रहे हैं तो हम आपको बताते हैं कुछ ऐसे उपाय, जिन्हें अपनाने से इस सीजन में आपके पेड़ फूलों से भर जाएंगे।
पौधे में अलग से पानी ना डालें
सबसे पहला सुझाव यही है कि आप अलग से पानी इसके ऊपर ना डालें। फूल देने वाले पौधों को जितने पानी की जरूरत होती है, वो अधिकतर मानसून की वर्षा से पूरी हो जाती है। अगर आपकी आदत है कि आप रोजाना ही अपने पौधों को पानी देती हैं तो ऐसा ना करें। ये सीजन ऐसा नहीं है जिसमें रोजाना पानी दिया जाना चाहिए। ऊपरी मिट्टी सूखी दिखे तो पहले उसे थोड़ा खोदकर देखें। अगर उसमें नमी महसूस हो रही है तो ऊपर से पानी ना दें। दरअसल, इस सीजन में पौधों के खराब होने का सबसे अहम कारण ही यही होता है कि उनकी जड़ें ज्यादा पानी से सड़ जाती हैं।
माइस्ट स्प्रे का प्रयोग बिल्कुल ना करें
कई लोग पौधों को माइस्ट स्प्रे से पानी देने की कोशिश करते हैं, लेकिन रोजाना इसकी जरूरत नहीं होती है और मानसून में तो इसकी जरूरत बिल्कुल ही नहीं होती है। ये पौधों को जरूरत से ज्यादा नम कर देगा और कीड़े बहुत ज्यादा आएंगे। गुड़हल का पौधा और गुलाब का पौधा इस माइस्ट स्प्रे के कारण सबसे ज्यादा सड़ता है और इसलिए आप पत्तियों में भी उस तरह से पानी ना डालें। हां, अगर दवा डाली जा रही है तो यकीनन मिस्ट स्प्रे की जरूरत पड़ेगी।
मानसून के कीड़ों को ऐसे रोकें
इस सीजन में गुड़हल और गुलाब जैसे पौधों में बहुत ज्यादा कीड़े होने लगते हैं। सफेद कीड़े पूरी तरह से फूलों और पत्तियों को खराब कर देते हैं। काले कीड़ों के साथ भी ऐसा ही होता है जो गुलाब के फूल में अधिकतर होते हैं। अगर ऐसा हो रहा है तो नीम तेल स्प्रे दें, इसे पौधों में डालने का भी एक तरीका है। आप 3-4 लीटर पानी में दो ढक्कन नीम ऑयल डालकर पौधों पर छिड़कें। इसे स्प्रे के फॉर्म में ही डालना है और ये जरूरी भी है।