सरकारी आकड़ो के अनुसार पूरे विश्व में लगभग 3.53 करोड़ लोग एचआईवी से प्रभावित हैं। जिसमे केवल भारत में ही 15 से 49 वर्ष की उम्र के बीच के लगभग 25 लाख लोग एड्स से प्रभावित हैं।जिसे देखते हुए हर साल 18 मई को विश्व एड्स वैक्सीन दिवस मनाया जाता है। यह दिन एचआईवी वैक्सीन ज्ञान दिवस के रूप में भी जाना जाता है, इसका उद्देश्य एड्स और एचआईवी संक्रमण को रोकने में एचआईवी टीकाकरण के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना है। इसके अतिरिक्त, टीका निर्माण के माध्यम से एचआईवी की रोकथाम के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए यह दिन मनाया जाता है।
history of world aids vaccine day
विश्व एड्स वैक्सीन दिवस पहली बार 18 मई 1998 को विश्व स्तर पर मनाया गया था। इस दिन को मनाने का विचार तत्कालीन संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन द्वारा रखा गया था और यह 1997 में मॉर्गन स्टेट यूनिवर्सिटी में उनके प्रारंभिक भाषण से प्रेरित था जब उन्होंने एचआईवी उन्मूलन में टीकाकरण के महत्व पर जोर दिया था।
तब से, लोगों को निवारक उपायों के बारे में शिक्षित करने, शोधकर्ताओं को प्रोत्साहन देने और एड्स शिक्षा का प्रसार करने के लिए विश्व स्तर पर यह दिन मनाया जाता है। यह दिन क्लिंटन के भाषण की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है जो दुनिया भर में वैक्सीन अनुसंधान की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करता है।