जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल में गिरे 12 साल के मासूम राहुल साहू को सौ घंटे से ज्यादा की मशक्कत के बाद सकुशल निकाल लिया गया. देश में सबसे लंबे चले इस बचाव अभियान को अंजाम देने वाली टीम का मुख्यमंत्री भूपेश बझेल आवास में सम्मान किया जा रहा है. जहां जांजगीर-चांपा जिले के कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ उनके मंत्रिमंडल के अन्य सहयोगियों से बचाव अभियान की पल-पल की जानकारी को साझा किया.
कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बचाव अभियान के दौरान उन्हें सबसे पहले फोन कर कहा कि जितेंद्र चाहे कुछ भी जाए बच्चे को जीवित बाहर लाना है. इस बात ने उन्हें मुख्यमंत्री की गंभीरता को अहसास दिलाया.जिसके बाद हमने तय किया कि राहुल जब तक हमारे हाथ में नहीं होता तब तक जूझेंगे. उन्होंने बताया कि बचाव अभियान के दौरान अहसास हुआ कि राहुल न केवल सुनने और बोलने के अलावा मानसिक तौर पर कमजोर है. इसके बाद हमने राहुल के बचाव के विकल्प पर विचार किया और तय किया कि सारे विकल्पों पर एक साथ काम करते रहेंगे, जब तक राहुल को सकुशल बाहर नहीं निकाल लेते.
मंच को संबोधित करते हुए बिलासपुर आईजी रतनलाल डांगी ने कहा कि इस अभियान ने साबित कर दिखाया कि छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया, हम लगातार एक-दुसरे से बात कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने राहुल की दादी से वादा किया था की हम तुम्हारे नाती को वापस लायेंगे, इसी वादे से हमें भी हिम्मत मिली और हम इस ऑपरेशन को सफल बनाने में कामयाब हुए. उन्होंने कहा कि परिस्थितियां चुनौतीभरी रहीं, लेकिन आपके मार्गदर्शन से देश का सबसे बड़ा ऑपरेशन सम्भव हुआ.
एसपी विजय अग्रवाल ने कहा कि सीएम के सहयोग और मार्गदर्शन और राहुल की हिम्मत से यह ऑपरेशन सफल हुआ. सीएम साहब लगातार हौसला दे रहे थे. बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा से आई टीम