नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बॉम्बे हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जिसमें भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबड़े को जमानत दी गई थी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष मामले की अपील की। शीर्ष अदालत शुक्रवार को एनआईए की अपील पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते उच्च न्यायालय ने पूर्व-आईआईटी प्रोफेसर तेलतुंबड़े को सशर्त जमानत दी थी।
न्यायमूर्ति ए.एस. गडकरी और न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव ने तेलतुंबडे की जमानत याचिका मंजूर कर ली।
हालांकि उच्च न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ एनआईए को अपील की अनुमति देने के लिए एक सप्ताह के लिए जमानत आदेश पर रोक लगा दी।
वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर के बहनोई तेलतुंबडे (72) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अप्रैल 2020 में एनआईए के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
खंडपीठ ने उन्हें 1 लाख रुपये और दो मुचलकों की जमानत देते हुए कहा था कि प्रथम²ष्टया, गैरकानूनी गतिविधियों, आतंकवादी कृत्यों और साजिश के अपराधों के लिए यूएपीए की धाराएं नहीं बनती हैं, हालांकि एक आतंकवादी समूह की सदस्यता और समर्थन बनता है।