” संवाददाता सुबोध तिवारी दुर्ग “
नवरात्रि शुरू होते ही माता मन्दिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है, दुर्ग के बरसों पुराने चंडी माता मन्दिर की बात करें तो इन नौ दिनों कोई अपनी पुरानी मुरादों के पूरे होने से माता जी को भोग प्रसाद चढ़ाने आता हैं तो कोई अपनी खाली झोली भरने मन्नत मांगने आते हैं ।
यहाँ सुबह से लेकर देर रात तक यह सिलसिला जारी रहता है । नवरात्रि के पहले दिन हर श्रद्धालु माता दुर्गा को प्रसन्न करने में लगा रहता है, पूजा में लगने वाले सामानों कमल फूल, पोखर, लाल चुनरी और सुहाग के सामान माता दुर्गा के चरणों मे विशेष रूप से चढ़ाए जाते हैं,, ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि पर्व में माता जी के पसंद की वस्तुओं को चढ़ाने से कष्टों से मुक्ति मिलती है और सम्पन्नता आती है,,
सैकड़ों वर्ष पुराने दुर्ग के चंडी माता मंदिर में नवरात्रि के पहले ही दिन परिवार का सदस्य बने नए मोटर सायकल, कार और रोजगार का आधुनिक साधन बने इलेक्ट्रिक व्हीकल की भक्तों ने पूजा कराई,, यहाँ के पंडित फणीन्द्र द्विवेदी, श्रद्धालू सरिता और सुलोचना बताते हैं कि यह मंदिर दुर्ग शहर के बसने से भी बहुत पहले का जीवंत मन्दिर है, और श्रद्धालु भी कई वर्षों से यहाँ पूजा अर्चना करने आ रहे हैं