छत्तीसगढ़ के 12 समुदायों को अनुसूचित जनजाति की सूची में केंद्र सरकार ने शामिल किया है। इसे लेकर प्रदेश में सियासत गर्म हो गई है। पूर्व मंत्री व भाजपा नेता केदार कश्यप ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार इस मामले में झूठा श्रेय लेने में जुटी हुई है। वरिष्ठ भाजपा नेता नंदकुमार साय ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने देश में 55 साल राज किया लेकिन कभी भी अनुसूचित जनजातियों के हित में नहीं सोचा। इस मौके पर विकास मरकाम, देवलाल ठाकुर और झगेश्वर धुर्व ने प्रेसवार्ता ली। केदार कश्यप ने कहा कांग्रेसियों ने हमारी बहन द्रौपदी मुर्मू का मजाक उड़ाया था। आने वाले चुनाव 2023 और 2024 में अनुसूचित जनजाति के लोग कांग्रेस को जवाब देंगे।
छत्तीसगढ़ की 12 जातियां एसटी में शामिल
दशकों से अधिकारों से वंचित छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश और हिमाचल प्रदेश सहित पांच राज्यों से जुड़ी करीब डेढ़ दर्जन जनजातियों को मोदी सरकार ने एक बड़ा तोहफा दिया है। इन जातियों को अब अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा मिलेगा। इसके साथ ही वह इससे जुड़े सभी तरह का लाभ भी ले सकेंगे। फिलहाल अनुसूचित जनजाति में जिन जनजातियों को शामिल करने का फैसला लिया गया है, उनमें सबसे अधिक 12 जातियां अकेले छत्तीसगढ़ की हैं। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश की ‘हट्टी” और उत्तर प्रदेश की ‘गोंड” और उनकी पांच उपजातियों को भी शामिल किया गया है।