प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को छत्तीसगढ़ के 12 समुदायों को एसटी में शामिल करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी। इससे प्रदेश के इन समुदायों के लगभग एक लाख लोगों को शासन की विभिन्न् योजनाओं का लाभ मिल पाएगा। वहीं दूसरी ओर अब इसका श्रेय लेने के लिए राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस जहां इसे अपने प्रयासों की सफलता बता रही है, वहीं भाजपा का कहना है कि उसकी कोशिशों से ही यह संभव हो पाया है।
12 समुदायों में भारिया भूमिया के पर्याय के रूप में भुईंया, भूईंया, भूयां नाम के अंग्रेजी संस्करण को बिना बदलाव किए भरिया के रूप में भारिया का सुधार। पांडो के साथ पंडो, पण्डो, पन्डो। धनवार के पर्याय के रूप में धनुहार, धनुवार, गदबा, गोंड के साथ गोंड़, कौंध के साथ कांेंद, कोडाकू के साथ कोड़ाकू, नगेसिया, नागासिया के पर्याय के रूप में किसान, धनगढ़ का परिशोधन धांगड़ शामिल हैं।