भिलाई;
सेल की ध्वज इकाई और कमाऊ सपूत कहे जाने वाले भिलाई इस्पात संयंत्र से इन दिनों लोकल ट्रांसपोर्टर्स काफी खफ़ा चल रहे हैं । इनका कहना है कि संयंत्र प्रबंधन के द्वारा लोकल ट्रांसपोर्टरों को छोड़ कर बाहरी ट्रांसपोर्टरों को पहले व ज़्यादा काम दिया जा रहा है । इस वजह से इस व्यवसाय से जुड़े लोग बेरोजगारी का शिकार हो गए हैं । इसी बात को लेकर खुर्सीपार गेट के सामने सैकड़ों ट्रांसपोर्टरों ने धरना प्रदर्शन किया । श्रमिक नेता प्रभुनाथ मिश्रा का कहना है कि राज्य सरकार ज़रूर छत्तीसगढ़ी को प्राथमिकता देने की बात करती है पर वास्तव में ऐसा नहीं हो रहा है ।