रायपुर;
भारतीय जनता युवा मोर्चा के बेरोजगारी पर हल्ला बोल अभियान के खिलाफ मंत्री रवीन्द्र चौबे और मंत्री शिव डहरिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके भाजपा को आड़े हाथों लिया है। मंत्री चौबे ने कहा कि 15 साल से प्रदेश को बेरोजगारी के दलदल में धकेलने वाले साढ़े तीन साल का हिसाब मांग रहे हैं, लेकिन साढ़े आठ साल में सिर्फ सवा सात लाख रोजगार ही देने वाली मोदी सरकार से भाजपाई एक सवाल नहीं पूछते। मंत्री शिव डहरिया ने बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी की टिप्पणी पर भी कड़ा ऐतराज जताया है।
भूपेश सरकार रोजगार दो का नारा बुंलद करके राजधानी रायपुर की सड़कों पर उतरे लाखों भाजपा कार्यकर्ताओं को भूपेश सरकार के मंत्री रवीन्द्र चौबे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आईना दिखाया है। रवीन्द्र चौबे ने भाजपा के 15 साल के कार्यकाल का हवाला देते हुए कहा कि जब छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार थी तब राज्य में बेरोजगारी दर 22 फीसदी थी। जबकि मौजूदा वक्त में राज्य की बेरोजगारी दर 0.78 फीसदी है। चौबे ने कहा कि ये आंकड़े बताते हैं कि कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोजगार दिलाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी और इसी का नतीजा है कि सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों की सूची में छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर आता है।
मंत्री रवीन्द्र चौबे यहीं नहीं रुके, उन्होंने केन्द्र सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए भाजपाईयों से सवाल किया कि हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा करने वाली मोदी सरकार ने बीते साढ़े 8 साल में सिर्फ सवा सात लाख ही रोजगार क्यों दिये हैं। इस पर भाजपाई पीएम आवास का घेराव क्यों नहीं करते हैं।
बेरोजगारी पर हल्ला बोल कर रहे भाजपाईयों को मंत्री चौबे ने आंकड़े दिखाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में कर्मचारी भविष्य निधि में कुल 22 लाख 58 हजार 871 सदस्य हैं, बीते तीन साल में 4 लाख 8 हजार 576 नए लोग कर्मचारी भविष्य निधि से जुड़े हैं। ये बताता है कि भूपेश सरकार नए रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन 15 साल सरकार चलाने के बाद भी भाजपा ने किसी भी युवा को 500 रुपये का बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया। यहां तक कि 2003 के चुनाव में हर आदिवासी परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था, उसे भी पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने पूरा नहीं किया।