जिले के धार-धामनोद मार्ग स्थित भारूड़पुरा के निचले ग्राम कोठिडा में नवनिर्मित मिट्टी के बांध लीकेज होने का मामला प्रकाश में आया है। यहां से लगातार पानी बह रहा है। इस मामले को प्रशासन और जन संसाधन विभाग ने गंभीरता से लेते हुए पानी का लीकेज रोकने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं राजस्व विभाग ने बांध के निचले क्षेत्र में बसे हुए तीन गांव को अलर्ट जारी कर दिया है। पूरे मामले में प्रशासन सतर्क है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मामले में पल-पल का अपडेट ले रहे हैं। सरकार ने इस मामले में बयान भी जारी किया गया है। मौके पर पहुंचे मंत्री तुलसी सिलावट ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। जल संसाधन मंत्री ने जांच के आदेश देते हुए कमेटी बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि अधिकारियों पर और कंपनी पर जांच के आधार पर कार्रवाई होगी।
सरकार के बयान में कहा गया है कि धार जिले की धरमपुरी तहसील में कारम मध्यम सिंचाई परियोजना के बांध डाउन स्ट्रीम की मिट्टी स्लिप हो जाने से बांध को ख़तरा बना होने की स्थिति निर्मित हुई। उक्त बांध की लम्बाई 590 मीटर और ऊंचाई 52 मीटर है और वर्तमान में 15 MCM पानी उक्त बांध में संचयित है। कमिशनर और आइजी इंदौर और कलेक्टर और एसपी धार के साथ जलसंसाधन विभाग के और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर हैं।
ऐहतियातन धार ज़िले के 12 गांव और खरगोन ज़िले के 6 गांवों को ख़ाली करावाकर सुरक्षित स्थानों पर राहत शिविरों में भेज दिया गया है। एनडीआरफ और एसडीइआरएफ धार और इंदौर की टीम और पड़ोस के थानों का पुलिस बल द्वारा होम गार्ड तथा राजस्व विभाग के अमले के साथ बचाव कार्य किया जा रहा है। वायुसेना के 2 हेलिकॉप्टर और सेना की एक कम्पनी सुरक्षित रखी गयई है। जल संसाधन विभाग द्वारा बांध को सुरक्षित रखे जाने के लिए कार्य किया जा रहा है।