छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में तैनात सेना के जवान एक बार फिर देवदूत बनकर आए। दरअसल, किरंदुल एनएमडीसी परियोजना किरंदुल द्वारा नगर के आसपास के ग्रामीण अंचलों के मरीजों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए परियोजना अस्पताल से गांव तक एंबुलेंस सेवा चलाई जा रही है। यह सेवा ग्रामीणों के लिए 24 घंटा उपलब्ध रहती है। गुरुवार सुबह परियोजना अस्पताल से कुटरेम गांव के लिए एंबुलेंस मरीज लाने गई थी, परंतु मरीज लेकर आते समय हिरोली गांव के समीप ही एंबुलेंस दलदल में धस गई।
विदित हो कि पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण ग्रामीण अंचलों के रास्ते कई जगह से कट गए हैं, वहीं कई जगह दलदल में तब्दील हो गए हैं। जिसके कारण आज मरीज लाते वक्त वाहन दलदल में फंस गई।दलदल से एंबुलेंस को निकालने के लिए गांव में कोई उचित व्यवस्था ना होने के कारण मरीज को अस्पताल पहुंचाने में विलंब हो रहा था। एंबुलेंस ड्राइवर द्वारा किरंदुल में फोन कर सहायता मांगी गई। किरंदुल से घटनास्थल तक मदद पहुंचने से पहले देवदूत बनकर आए फोर्स के जवानों ने कड़ी मशक्कत के बाद एंबुलेंस को दलदल से बाहर निकालकर मरीज को तत्काल अस्पताल पहुंचाने में बहुत ही सक्रिय व जिम्मेदारी पूर्ण भूमिका निभाई।
निश्चित रूप से जवानों द्वारा किए गए इस नेक कार्य से मरीज को समय पर चिकित्सा सुविधा मिल पाई।लेकिन किरंदुल से लगी कई ग्रामों के रास्ते अब भी बदहाल स्थिति में है कई गांव में कच्ची सड़क है जिसमें बारिश के समय एंबुलेंस का फंसने का खतरा सदैव बना रहता है। वही रात के समय ऐसी रास्तों से मरीज लाना हादसों से भरा रहता है,साथ ही मरीज के साथ अनहोनी होने का भी भय बना रहता है।परंतु इस विषम परिस्थिति में भी एंबुलेंस चालक अपनी सेवा निरंतर देते आ रहे हैं।