भिलाई इस्पात संयंत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और लोहा चोरी को रोकने की दिशा में काम हो रहा है। इसके तहत सामान परिवहन के लिए भीतर जाने वाले ट्रक,ट्रेलर और अन्य वाहनों में ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जाएगा। जिससे उक्त वाहन को जिस विभाग में जाने पास जारी किया गया है, वह उसी क्षेत्र में जा रहा है अथवा दूसरे क्षेत्र में इसका पता चल जाएगा। इसके अलावा वाहन पर निगरानी भी रखी जा सकेगी।
वर्तमान में भिलाई इस्पात संयंत्र के पांच गेट से प्रतिदिन औसतन पांच सौ भारी वाहन परिवहन कार्य के लिए आना जाना करते हैं। वाहन ट्रैकिंग प्रणाली जीपीएस तकनीक पर आधारित होगी। फास्ट टैग आरएफआईडी का जिस तरह उपयोग होता है। उसी तर्ज पर प्रवेश के दौरान इसे वाहन में लगाया जाएगा और बाद में गेट पर निकास के दौरान हटा दिया जाएगा। ये उपकरण टैम्परप्रूफ हैं और संयंत्र के अंदर वाहन की गति की निगरानी भी करेंगे।
बीएसपी में लोहा चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। इससे राष्ट्र को काफी आर्थिक क्षति हो रही है। इसे देखते हुए बीएसपी और सीआइएसएफ ने यहां आने वाले ट्रकों और चोरों पर नकेल कसने के लिए ट्रैकिंग सिस्टम लगाने का फैसला लिया है।इसके तहत जब भिलाई इस्पात संयंत्र के भीतर जैसे ही कोई ट्रक जाएगा उसके पहले गेट पर ही उसमें ट्रैक्टर लगा दिया जाएगा। इससे बाहर से आए ट्रक कहां – कहां गया इसकी पूरी जानकारी हो जाएगी। जब यह ट्रक बाहर निकलेगा तो सीएसएफ ट्रैक्टर को निकाल लेगा और उसे अपने पास रखकर जांच करेगा।
इसमें सीआइएसएफ को यह पता चल जाएगा कि उक्त ट्रक को किस विभाग में जाने के लिए अनुमति दी गई थी और वह उसी विभाग में गया या फिर संयंत्र के किसी अन्य क्षेत्र में जाकर लोहा आदि भर रहा था।