बिलासपुर :-
मरम्मत के कारण चारों दिशा की ट्रेनें रद है। ऐसे में जिनका परिचालन हो रहा है। उसकी स्थिति बेहद दयनीय है। इसका अंदाजा प्लेटफार्म एक हो या दो- तीन को देखकर लगाया जा सकता है। एक ट्रेन आते ही इतनी भीड़ हो जाती है की यात्री खुद से चिंतित रहते हैं की सीट तो खड़े होने की जगह मिलेगी या नहीं है। इस अव्यवस्था के कारण कोरोना संक्रमण का भी खतरा मंडराने लगा है।बीते एक या दो महीने नहीं, बल्कि सालभर से ट्रेनों के परिचालन की स्थिति बेहद खराब है। हालांकि रेलवे मरम्मत का नाम लेती है। असल में माललदान व कोयला परिवहन को पहले प्राथमिकता दी जा रही है। इसी प्राथमिकता की वजह से कोचिंग ट्रेनों के पहिए रोक दिए गए हैं। यात्री से लेकर हर कोई यह जानता है। पर किसी को इससे लेना देना नहीं है। यही वजह है जो ट्रेनें चल रही है। उनमें आरक्षित कोच भी जनरल की तरह नजर आने लगा है।
सफर के लिहाज से यात्रियों की पहली पसंद या सुविधा ट्रेन ही है। थोड़ी अव्यवस्था में भी यात्री सफर कर लेते हैं। लेकिन इन दिनों बड़ी अव्यवस्था है। यात्रियों को सीट तो दूर कोच में खड़े होने की जगह नहीं है। जोनल स्टेशन के प्लेटफार्म एक और दो- तीन में नजारा कुछ इसी तरह था। प्लेटफार्म एक में जम्मूतवी एक्सप्रेस के यात्री थे। मंगलवार को जोनल स्टेशन में और बुधवार को उसलापुर रेलवे स्टेशन में यही स्थिति रहती है।
कमाने- खाने जाने वाले प्रदेश के श्रमिक इसी ट्रेन से पलायन करते हैं। हालांकि इन्हें आज तक प्रशासन ने रोकने का प्रयास नहीं किया। प्लेटफार्म दो का नजारा तो महाराष्ट्र के स्टेशनों की तरह थी, जहां लोकल ट्रेनों में चढ़ने व उतरने के लिए पूरे समय यात्रियों के प्लेटफार्म पर इसी तरह मौजूदगी रहती है। इस भीड़ से सबसे ज्यादा कोरोना खतरा मंडराने लगा है। इसके बाद भी स्टेशन में यात्रियों को मास्क पहनने के लिए टोकने वाला कोई नहीं है। जांच भी नहीं हो रही है।