रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार इस साल 110 लाख मीट्रिक टन धान समर्थन मूल्य पर खरीदने को तैयार है। धान खरीदी को लेकर हुई मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक में खरीदी का यह लक्ष्य तय हुआ है। दो साल से बारदानों के संकट से जूझ रही सरकार ने इस बार भी खरीदी की शुरुआत से ही पुराने बारदानों में धान लेने को मंजूरी दे दी है। खाद्य मंत्री अमजीत भगत की अध्यक्षता में हुई बैठक में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर और उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल भी शामिल हुए। बैठक में निर्णय लिया गया है कि पिछले वर्ष की तरह इस बार भी पुराने बारदानों से धान खरीदी की जाएगी। अधिकारियों ने बताया, पिछले वर्ष धान खरीदी का लक्ष्य 105 लाख मीट्रिक टन तय हुआ था। उसके लिए 5 लाख 25 हजार गठान बारदाने की जरूरत थी। इस साल 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 5 लाख 50 हजार गठान जूट बारदानें की जरूरत पड़ेगी। मंत्रियों ने कहा कि केन्द्रीय मंत्रालय से पत्रव्यवहार कर धान खरीदी के पहले ही बारदानें की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए।
इसके लिए 5 लाख 50 हजार गठान जूट बारदानें की जरूरत पड़ेगी। मंत्रियों ने कहा कि केन्द्रीय मंत्रालय से पत्रव्यवहार कर धान खरीदी के पहले ही बारदानें की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए।अधिकारियों ने बताया, पिछले वर्ष धान खरीदी का लक्ष्य 105 लाख मीट्रिक टन तय हुआ था। उसके लिए 5 लाख 25 हजार गठान बारदाने की जरूरत थी। इस साल 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है।
31 अक्टूबर तक नए किसानों का पंजीयन :
अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष 24 लाख 6 हजार से अधिक किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था। इस वर्ष नये किसानों का पंजीयन पिछले वर्ष की तरह ही एक जुलाई से 31 अक्टूबर तक किया जाना है। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में पंजीकृत किसानों का पंजीयन ऑटोमैटिक कैरीफारवर्ड हो जाएगा
98 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया था :
अधिकारियों ने बताया कि पिछले खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में राज्य सरकार ने 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य तय किया था। सीजन के दौरान 97 लाख 98 हजार मीट्रिक टन धान की वास्तविक खरीदी हो पाई। यह अब तक की सबसे अधिक धान खरीदी है। खरीदे गए धान का लगभग शत-प्रतिशत उठाव हो गया है। धान खरीदी के साथ-साथ तेजी से कस्टम मिलिंग का कार्य भी जारी रहा। इसका नतीजा यह रहा कि केन्द्रीय पूल में अब तक रिकार्ड 50 लाख 72 हजार मीट्रिक टन चावल जमा कराया जा चुका है। केवल 14 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करना ही शेष है।