कोरबा : इंसानों और जानवरों के बीच की दोस्ती बहुत पुरानी है। मगर कभी कभी कुछ ऐसे जीवो से भी इंसानों की गहरी मित्रता हो जाती है जो कल्पना से भी दूर होती है। कोरबा में एक 10 साल की बच्ची और नन्ही गिलहरी की दोस्ती की खूब चर्चाएं है। जख्मी हालत में मिली नन्ही गिलहरी को आशी अपने घर ले आई। उसका इलाज किया और खूबसूरत नन्ही गिलहरी घर के सदस्य की तरह इत्मिनान से रहती है।
किसी जीव का इंसानों के साथ मेलजोल देखते हैं तो यह आश्चर्य के साथ-साथ सुकून भी देता है और अगर वो जीव गिलहरी जैसा संवेदनशील हो, जिसे हम कभी छूने का भी नहीं सोच सकते तो यह आश्चर्य और भी बढ़ जाता है। कोरबा के आईटीआई रामपुर बस्ती में रहने वाली 10 साल की आशी कश्यप और नन्ही गिलहरी से गहरी दोस्ती हो गई है, इसका नाम चित्ति है। आशी और चित्ति दोनो एक दूसरे के बगैर नहीं रहते। आशी के एक आवाज लगाने पर ये गिलहरी दौड़कर उसकी गोद में आ जाती है।
आशी पांचवी कक्षा में पढ़ती है, इसे शुरू से ही जीव जंतुओं से लगाव है। आशी ने घर पर कई बिल्लियों को भी पाल रखा है। आशी ने बताया कि चित्ति उसे जख्मी हालत में मिली थी। आशी ने इसका इलाज कराया और उसका पूरा ख्याल रखती है। कुछ ही दिनों में आशी और चित्ति की दोस्ती हो गई। घर वाले भी इसका पूरा ध्यान रखते है। पेड़ो पर उछलकूद करने वाली ये गिलहरी अब इस परिवार का सदस्य बन गई है।
आशी और चित्ति एक साथ खाना खाते है, खेलते है, रात को ये गिलहरी आशी के साथ ही सोती है। शहरी इलाके और घनी आबादी वाले क्षेत्र में ऐसे जीव नजर नहीं आते। मगर आशी के घर पर नन्हे मेहमान गिलहरी की मौजूदगी कौतूहल का विषय बना हुआ है।